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Why do dogs chase cars Hindi। जानिए चलती कार या बाइक के पीछे क्यों भागते है कुत्ते?

                 जानिए चलती कार या बाइक के पीछे क्यों भागते है कुत्ते?


                  वह कहावत तो आप सभी ने सुनी होगी की कुत्ते से ज़्यादा वफादार दुनिया में दूसरा कोई नहीं होता। लेकिन आप को जानकर हैरानी होगी की कुत्ते से ज्यादा Chasing(पीछा) भी कोई नहीं होता। कुत्ते का जीवन देखके लगता है उनकी प्रजाति का जन्म सिर्फ किसी वस्तु को Chase(पीछा करना) करने के लिए हुआ है(सायद इसी लिए "जीवन मे कुत्ते की तरहा भागना" यह कहावत बनी होगी) । कुत्तो पर किसी भी चीज़ को पकड़ने का भूत सवार रहता है। शायद करीब करीब सभी लोगो ने यह अनुभव किया होगा की शहर की किसी गली में जहा कुत्तो की संख्या ज़्यादा होती है वहा से आप अगर कार या बाइक लेके गुज़रो तो कुत्ते वह गतिमान वास्तु का पीछा पूरी सिद्दत से करते है। सभी को यह सवाल दिमाग में आता होगा की आखिर कुत्ते सभी गतिमान चीजों के पीछे क्यों भागते होंगे। कुत्तो के बारे में दूसरा सामान्य सवाल यह होता है की वह हमेशा बाइक या कार के टायर पर या तो खंभे(Pole) पर ही क्यों मूत्र विसर्जन करते है।

                बात यह की कुत्तो का गतिमान कार या बाइक के पीछे भागना उनकी मज़बूरी है। मानव इतिहास में करीब 1.5 लाख साल पहले इंसानो ने कुत्ते पलना शुरू किया, वह समय इंसान के Homo Erectus(Upright Man)(Homo शब्द एक लेटिन शब्द है जिसका मतलब होता है Human) में से Homo Sapiens(आधुनिक इंसान) में रूपांतरित होने  का शुरूआती दौर था(आग की खोज 17 लाख से 2 लाख के समय फलक में Homo Range के किसी सदस्य ने की थी ऐसा माना जाता है)। उस समय शिकार को पकड़ने के लिए इंसानो ने लगभग सभी प्रजाति के कुत्तो को Train किया, शिकार को पकड़ने के लिए कुत्ते सही चुनाव थे। वह अपने मालिक के वफादार भी थे। जब शिकार के पीछे इंसान भागते थे तब अपने पालतू कुत्ते को वह शिकार को पकड़ने के लिए ले जाते थे। यह दौर इतना लम्बा चला की उत्क्रांति भी वह ख्याल को साथ में लेकर हुई की अगर कोई चीज़ गतिमान है तो उसके पीछे उसे भी भागना चाहिए। होमो सेपियन्स के दौर (4.5 लाख साल-Present) में इंसान पूरी पृथ्वी पर फेल चुके थे और उन्हों ने कुत्तो की सभी प्रजातिओ को पालतू बना दिया था। इसी लिए आज वह सभी प्रजातिओ में यह एक हरकत समान तौर पर काम करती है। उसके दौरान गाय, बकरी, भैंस सभी को पालतू बनाने का हुनर इंसान सिख चुके थे।

             कुत्तो के गाड़ियों के बाइक या कार के टायर पर या तो खंभे(Pole) पर मूत्र विसर्जन करने की हरकत का जवाब भी उनकी उत्क्रांति में छिपा है। इंसान के पालतू होने के दौर से पहले कुत्तो की समाज व्यवस्था कबीलो में चलती थी। कबीलो में रहने की वजह से वह सभी अपना इलाका बांध के रहते थे। यानि की सभी कबीलो का अपना इलाका होता था, अगर कोई दूसरे कबीले का कुत्ता उनके इलाके में घुस जाये तो उसका बहुत बुरा हाल होता था। इलाके का चुनाव करने के बाद कुत्ते वह पुरे इलाके में चुने हुए कुछ अहम् स्थानों पे अपना पिशाब छोड़ते थे। वह पिशाब की गंध दूसरे कुत्तो के लिए सिग्नल के समान होती थी। यानि की वाहा से उनका इलाका ख़तम होता है वह वार्निंग भी सूचित करती थी। यह उनकी हरकत आज तक उनकी उत्क्रांति में साथ चल रही है। आज भी कुत्ते किसी कार या बाइक के टायर, खंभे को अपना इलाका घोसित करने के लिए उन पर मूत्र विसर्जन करते है।

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