Thomas Edison's talk to dead experiment । the Spirit Phone in Hindi
Thomas Edison ने क्या वाकई में की थी आत्माओ से बातें
Thomas Edison ने 1200 खोजों के लेबल के साथ विज्ञान की दुनिया में जुड़ा हुआ एक बड़ा नाम है। Edison को इन पूर्ण खोजों के प्रवाह के साथ कई तरह के प्रयोग करने पड़े। लेकिन सवाल यह है की इन सभी प्रयोगों में सबसे अधिक पेचीदा और पागलपन से भरा प्रयोग कोनसा है? और इसके जवाब में हम वैकुंठ निवासी Edison की आत्मा से पूछ सकते हैं जिसे हम 'Spirit Communicator' Tool कहते हैं, जो 1920 के दशक में खुद Edison ने बनाया था, लेकिन उसे सफलता नहीं मिली। अमेरिकी श्रीमान सिग्रम स्यूटरमान की बात माने तो ऐसा कहा जाता है की मृत्यु के बाद भी एडिसन ने अपने प्रयोग का परिणाम पाया था। 1967 में, उन्होंने Edison की आत्मा की आवाज़ सुनी वो भी दूसरी दुनिया से , जैसा कि उन्होंने कहा हो , "Hello, How are you?"
आत्मा के साथ बात करने की दिशा में Edison ने पहल की जिसके बाद कई आत्मा रसिक और तुकेबाज मेदान में आ गए। समय के साथ, टेप रिकॉर्डर की खोज की गई और उनका काम अधिक से अधिक आसान हो गया। उस समय में, मनुष्य जो आवाज नहीं सुन सकते वो अश्रव्य आवाज़ टेप रिकॉर्डर आसानी से रिकॉर्डर कर सकता है ऐसी मान्यता व्यापक थी। उस समय, कॉस्टिन जैसे प्रयोग करने वाले इस क्षेत्र में प्रमुख माने जाते थे। और एक वायका के अनुसार, उन्होंने कथित भूतों की आवाज़ को रिकॉर्ड किया, लगभग की 72,000 टेप जितना। 1998 में, माइकल डोहर्टी नामक एक इंजीनियर ने "Computer Technology" नाम की पत्रिका में भूतों के साथ बातचीत के लिए Link स्थापित करने की तकनीक का वर्णन करता हुए एक लेख प्रकाशित किया था। यह पढके वाचको ने अपने तरीके से ऐसे यंत्र बनाये। डोहर्टी के अनुसार,उल्लेखनीय उपकरण 'स्पीरिकॉम' था, जिसने 29 मेगाहर्ट्ज की तरंगों को वैकुंठ लोक में भेजा था। इस उपकरण की खोज एक शोधकर्ता टीम ने की थी। जिसमे से एक शोधक की किसी कारन मृत्यु हो गई थी, लेकिन उसके दोस्तों के अनुसार, दोस्तों के साथ उसका संपर्क जारी रहा। लेकिन प्रेतात्माओ के संदेश के बारे में कोई निश्चित प्रमान नहीं है, इसलिए इन प्रयोगों को केवल तुक्के की गिनती माना जाता है।
आत्माओं का अस्तित्व संभव है, भले ही आधुनिक विज्ञान इस बात से इनकार करे। लेकिन दुनिया में शायद विज्ञान और मानव जाति के लिए 99% चीजों को समझना असंभव है। इस बात की कोई आशंका नहीं है कि प्राचीन भारत इस मामले में बहुत समृद्ध था। प्राचीन भारत के ऋग्वेद और ईशावाश्य जैसे उपनिषदों का कहना है कि शरीर और आत्मा एक हैं। शरीर का वह हिस्सा जो हमारे लिए अदृश्य है, वह आत्मा है और जो आत्मा दिखाई पड़ती है वह शरीर है। लेकिन Edison के प्रयोग के संदर्भ में, आत्माओं के साथ बातचीत करना प्राचीन अतीत में भी संभव हुआ होगा ऐसा नहीं लगता।
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