Header Ads

अगर Rafale होता तो वायु सेना को न घुसना पड़ता पाकिस्तान में जानिए क्यों

अगर Rafale होता तो वायु सेना को न घुसना पड़ता पाकिस्तान में जानिए क्यों  



कृपया पहेले वाचक गन यह समज ले की ना तो यह कोई Political Article है न तो Infomaesters किसी भी तरहा की Political party को Support करने के लिए लिखता है। हमारा मकसद सिर्फ आम लोगो तक ऐसा सच पहुँचाना है जिसके बारे में उन्हें कही से भी जानकारी नहीं मिलेगी। हम सिर्फ सच के साथ है ना कि किसी भी Political party के साथ। मगर हा यह हो सकता है की अगर किसी पार्टी के निर्णय और बयान या फिर गति विधि ने देश की वाट लगाई हो तो हम उसकी कड़े शब्दो में निंदा भी करेंगे।

अब आते है रफाल पर। कहते है अगर शेर को बकरी की रखवाली करने का काम दिया जाये तो बकरी की सामत आयी समजो। भारत का दुर्भाग्य भी उस बकरी जैसा रहा है। आज़ादी से लेकर अब तक भारत को एक भी सरकार ऐसी नहीं मिली है जिसके बारे में कुछ भी तारीफ की जा सके, हा बाजपाई और नरसिह राव सरकार को छोड़ के एक भी सरकार ऐसी नहीं है जिसने देश के हित में सोचा हो। में बाजपाई और नरसिंह राव की सरकार को इसीलिए बेहतर कह रहा को की वह लोग राजनैतिक तौर पे माहिर थे ही लेकिन अपने समाज को निखारने वाले लोग थे जिन्हो ने अपने जीवन में इतना कुछ सीखा की वह जब दुनिया छोड़ कर गए तो पूरी दुनिया को रुलाते हुए गए।

आज पुरे देश में Rafale की Deal को लेकर बेवजह के सवालात और याचिकाएं सुप्रियम कोर्ट को दी जा रही है। बिना तथ्यों को जाने कुछ लोग अपनी बालिस बुद्धि का पदर्शन कर रहे है। आपको ये जानकर हेरानी होगी की Rafale अभी की स्थिति में इतना ज़रूरी है की आप सोच भी नहीं सकते। पाकिस्तान के साथ युद्ध के हालत बने हुए है। Indian Air Force को अभी की स्थिति में कुल मिलकर 48 Squadron(1 Squadron=16 aircraft) की ज़रूरत है जिसमें से फ़िलहाल भारत के पास सिर्फ 31 Squadron है जो की 60 साल पुरानी Technology है (हमारे Pilots को बधाई, जिन्होंने इतनी पुरानी Technology से American latest Technology द्वारा बनाया गया F-16 Air Craft को मुहतोड़ जवाब दिया)। हमारे पडोसी मुल्क आर्थिक रूप से कमज़ोर होने के बावजूद भी American latest Technology का अपने देश की रक्षा के लिए इस्तेमाल कर रहे है। ऐसे देखा जाये तो भारत के पास अबतक का सबसे Latest लड़ाकू विमान Sukhoi है जोकि 1996 में ख़रीदा गया था। यानी की यह विमान भी एक Generation पुराना हो चूका है। उतने में अभी तक हमारे पास रफाल नहीं पहुंचा तो आप सोच सकते है की देश का हाल क्या हुआ पडा है। इसी के बिच विरोध पक्ष बोल रहा है की सरकार ने 600cr (विरोध पक्ष के अध्यक्ष इतने बालिश है की उनको खुद की सरकार में जो Deal हुई उसके बारे में भी General knowledge नहीं है, अपने हर भाषन में रफाल का पुराना दाम अलग अलग बताते है) के रफाल 1600cr में क्यों ख़रीदा आइये आपको बताते है की 600cr का रफाल आखिर 1600cr का कैसे हो गया ?


बात करे रफाल की ताकत की तो एक तरह से देखा जाये तो भारतीय वायु सेना में रफाल की एंट्री भारत को Asia की सबसे ताकतवर वायु सेना बना सकती है। यह कहने में जरा भी अतिश्योक्ति नहीं होगी, रफाल एक Multi combat Aircraft है। जो बहुत सारे तरीको से दुश्मन पर हमला कर सकता है। जोकि Aircraft दुनिया में सबसे आधुनिक माना जाता है। रफाल 2006 में France की वायु सेना में शामिल किया गया था। France की सेना में आज के दौर में कुलमिलाकर 139 Rafale है जिनमे से 99 वायुसेना के पास और 40 नौवसेना के पास है। भारत के प्रधानमंत्री जब France गए तब 23 Sep 2016 को दोनों देशो के बिच 36 रफाल की deal sign हुई थी जिसमे 28 Single sitter jets है और 8 Double sitter jets है। Double sitter jets को सिर्फ Training के लिए इस्तेमाल किया जायेगा। यह विमान SCALP missile (Systeme de Croisiere Autonome a Longue Portee-Emploi General, General Purpose Long Range Cruise Missile) और Meteor missile(Air to Air) से लेस है जो दुश्मन पर अति सटीक Attack करने में बहुत ही काबिल है। रफाल में Low band radar system (दुश्मन की सूक्ष्म हरकत को पकड़ सकता है) और Infrared search system ( दुश्मन को शरीर या वस्तु को टेम्प्रेचर से पकड़ सकता है) भी होगा। इस विमान की दूसरी खासियत यह है की यह विमान देश के ठन्डे और पतले हवामान वाले लेह लदाख जैसे प्रदेशो में भी अपनी Cold Start तकनीक की वजह से उड़न भर सकते है।

रफाल की Price के चक्कर में कही नेताओ ने अपने नाक कटवाए है। तो आज हम आपको उसकी Price के बारे में भी बता देते है। रफाल की Basic कीमत 700cr रुपए है। भारत को अपनी जरुरत के हिसाब से Dissault company, रफाल Modify करके देंगी। यानि की हथियारों से लेस रफाल की कीमत करीब करीब 1600cr हो जाती है।

2007 में तत्कालीन सरकार ने रफाल को खरीदने के बारे में सोचा था (सिर्फ सोचा नहीं )। 2012 तक वह सरकार ने तय कर लिया की अब रफाल खरीदना चाहिए। सोचिये सिर्फ तय करने में ही हमारी सरकार ने 5 साल लगा सकती है तो फिर देश की सुरक्षा के बारे में अब हम क्या कहे 2013 में UPA सरकार ने राफेल के लिए France से Deal की जो Indian Company Hindustan Aironics Limited के साथ Collaboration में की गई थी । अब यह बात काफी काम लोगो को पता होगी की HAL company भारत की सबसे गई गुज़री कम्पनी है। 40 तेजस का Project इस कम्पनी को 1980 में तत्कालीन सरकार के द्वारा मिला था, उनमे से अबतक यह कम्पनी ने सिर्फ 12 तेजस ही Deliver किये है। इस उदहारण से आप अंदाज़ा लगा सकते है की रफाल का प्रोजेक्ट Government ने HAL को न चुनते हुए Reliance को अपना Delivery Partner चुना जो कि भारत की सबसे धनिक और तकनिकी तौर पे आधुनिक company है।

भारत और पाकिस्तान सिमा पर हाल ही में हुए तनाव के बारे में बात करे तो अगर राफेल होता तो भारतीय वायु सेना को पाकिस्तान में घुसना ही नहीं पड़ता। राफेल की SCALP मिसाइल की Range ही 300 किलोमीटर है। यानि की जम्मू AIR Base से थोड़ी दुरी से रफाल के मुकाम से रफाल अपने मुख्या Target बालाकोट पर आसानी से हमला कर सकता है।

No comments

Powered by Blogger.