महाभारत की कुछ अनजानी बाते जिसे जानकर आप चौक जायेंगे। (Shocking facts about Mahabharata)
महाभारत की कुछ अनजानी बाते जिसे जानकर आप चौक जायेंगे। (Shocking facts about Mahabharata)
महाभारत का मूल नाम "जय" है जिससे बाद में महाभारत नाम दिया गया। और वह इस लिए की यह युद्ध कोई सामान्य युद्ध नहीं था यह वास्तव में एक महा युद्ध था जिसे आप एक विश्वयुद्ध के तौर पे भी ले सकते है। क्युकी इतिहास के दस्तावेज और पुरातत्व विभाग को मिले कई अवसेस तो यह भी दर्शाते है की महाभारत सिर्फ विश्व का प्रथम विश्वयुद्ध ही नहीं बल्कि विश्व का प्रथम परमाणु युद्ध भी था। कही लोगो और वैज्ञानिको ने अपनी अपनी और से महाभारत के बारे में गहन अभ्यास किये है। और सभी लोगो को कुछ न कुछ रोचक जानकारिया हासिल हुई ही है जो चौका देने वाली है। वाचको की जानकारी के लिए में यह बता दू की महाभारत में कुल मिलकर 1,00,000 श्लोक है। और महाभारत विश्व का अबतक का सबसे लम्बा काव्य है जो भारत में 5075 वर्ष पहले लिखा गया है।
वैसे तो महाभारत अपने आप में एक गुढ्ढ रहस्य का विषय है। लेकिन महाभारत में बोहोत सारी ऐसी बाते है जो अंजानी है जिसे जान कर आप चौक जायेंगे।
18 के आकड़ो का महाभारत में अद्भुत संयोग![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjHMrSVJoMdxfgRyk8SHUlr0aPnlOl-BUUs2SbNriN5O1_8P_wa36WuohQPAE6kF7ZpS6Wcurg6DpAYpJLVQ4sykVvl9-sc4ur1i6gXtZQaSNXPQEhyphenhyphen807HqMJylQ3ZdCDerXvyQqRfeu8d/s320/PicsArt_08-02-11.14.44.jpg)
पुरातत्वविदो को हाल ही में मोहे-जो-दाड़ो के शहर के अवसेस मिले है जोकि की कुरुक्षेत्र से थोड़ी ही दुरी पर है। पुरातत्वविदों को और खोज बिन करने से वहा पर कुछ अजीब कंकाल भी मिले जो की पूरी तरह से महाभारत काल के है और जिनमे रेडियो एक्टिव तत्वों की मौजूदगी भी मिली है। यानि वह शरीर कभी न कभी रेडियो एक्टिव पदार्थो के संपर्क में जरूर आए होंगे ऐसा वैज्ञानिकको का कहना है। जो पाठक गण यह न जानते हो की रेडिओ एक्टिविटी क्या है उन्हें में यह बता दू की रेडिओ एक्टिविटी पूरी तरह से परमाणु हथियार से सम्बंधित है। पृथ्वी पर मिलने वाले कुछ हेवी मेटल्स जैसे की यूरेनियम और प्लूटोनियम परमाणु बम बनाने में इस्तेमाल होते है। यह सब ऐसे अस्थाई तत्त्व है जो अपनी परमाणु उष्मा वातावरण में छोड़ते रहते है जिससे वह खुद अपना दल कम करते रहते है। रेडिएशंस वातवरन में छोडके खुद को ख़तम करने में कुछ तत्वों को लाखो साल भी लग सकते है यही रेडिओ एक्टिविटी है। महाभारत में आने वाला ब्रम्हास्त्र का वर्ण भी कुछ ऐसा ही है जैसे वर्तमान में एटॉमिक वेपन्स का गुणधर्म है। इसलिए हम यह भी कह सकते है की महाभारत काल भारत का तकनीकी सन्दर्भ में सुवर्ण काल था!!!
युद्ध के बाद भारत की दो तिहाई मानव जनसँख्या का विनाश
महाभारत में कुल मिला कर करीबन 64,00,3000 योध्धाओ ने भाग लिया था जिनमे से सिर्फ 18 ही जीवित बचे। दस्तावेज यह बताते है की तब के भारत की पूरी जनसँख्या केवल 3 -4 करोड़ थी, जिसमे से करीबन 64 लाख लोगो की मृत्यु हुई जिनमे से कई लोग जवान और अधेड़ उम्र के थे। जब यह महा युद्ध हुआ तब भारत में सायद 4 करोड़ की जनसँख्या हो तो उनमे से आधी तो महिलाये होंगी और दूसरे बचे 2 करोड़ में से तो कई लाख बच्चे होंगे। इसी आकड़ो पर से आप अंदाज़ा लगा सकते है की महाभारत का युद्ध कितना भयंकर रहा होगा!!!
अश्वस्थामा : महाभारत का वह अमर व्यक्ति जो की आज भी भारत में भटक रहा है
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वैसे तो महाभारत अपने आप में एक गुढ्ढ रहस्य का विषय है। लेकिन महाभारत में बोहोत सारी ऐसी बाते है जो अंजानी है जिसे जान कर आप चौक जायेंगे।
18 के आकड़ो का महाभारत में अद्भुत संयोग
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjHMrSVJoMdxfgRyk8SHUlr0aPnlOl-BUUs2SbNriN5O1_8P_wa36WuohQPAE6kF7ZpS6Wcurg6DpAYpJLVQ4sykVvl9-sc4ur1i6gXtZQaSNXPQEhyphenhyphen807HqMJylQ3ZdCDerXvyQqRfeu8d/s320/PicsArt_08-02-11.14.44.jpg)
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युद्ध के बाद भारत की दो तिहाई मानव जनसँख्या का विनाश
महाभारत में कुल मिला कर करीबन 64,00,3000 योध्धाओ ने भाग लिया था जिनमे से सिर्फ 18 ही जीवित बचे। दस्तावेज यह बताते है की तब के भारत की पूरी जनसँख्या केवल 3 -4 करोड़ थी, जिसमे से करीबन 64 लाख लोगो की मृत्यु हुई जिनमे से कई लोग जवान और अधेड़ उम्र के थे। जब यह महा युद्ध हुआ तब भारत में सायद 4 करोड़ की जनसँख्या हो तो उनमे से आधी तो महिलाये होंगी और दूसरे बचे 2 करोड़ में से तो कई लाख बच्चे होंगे। इसी आकड़ो पर से आप अंदाज़ा लगा सकते है की महाभारत का युद्ध कितना भयंकर रहा होगा!!!
अश्वस्थामा : महाभारत का वह अमर व्यक्ति जो की आज भी भारत में भटक रहा है
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhdgB8ojuAQNha5QCt8UHhYmxHyYCvynmLgFFtHY-c0_yVTQ7qzztA6wJVoRPuSlcqqGO9HdskGtOPMt8vDcmL4o4J__fAwSI94Wjph5Jfxy65XkKapSXE-NJPVw8dGSkEMy-deQV0vNXEg/s320/PicsArt_08-02-11.13.37.jpg)
महाभारत में 18 अंको का बड़ा अविस्मरणीय संजोग रहा है। यह महा भीषण युद्ध 18 दिनों तक चला था जिसमे पांडवो और कौरवो की सेना कुल मिलाकर 18 अक्षोहिणी (एक अक्षोहिणी सेना में गज-21870 , रथ - 21870 , घुड़सवार - 65610 , पैदल सिपाही - 109350 ) थी। महाभारत के पुरे ग्रन्थ में कुल मिला कर 18 पर्व है(आदि पर्व, सभा पर्व, वन पर्व, विराट पर्व, उद्योग पर्व, भीष्म पर्व, द्रोण पर्व, अश्वमेधिक पर्व, महाप्रस्थानिक पर्व, सौप्तिक पर्व, स्त्री पर्व, शांति पर्व, अनुशासन पर्व, मौसल पर्व, कर्ण पर्व, शल्य पर्व, स्वर्गारोहण पर्व तथा आश्रम्वासिक पर्व)। महाभारत में से ही निकले कृष्णा मौलिक ग्रन्थ गीता में भी कुल मिला कर 18 पर्व है। जब युद्ध समाप्त हुआ तब सिर्फ 18 योद्धा ही जीवित बचे थे जिनमे से 3 कौरवो की और से और 15 पांडवो की और से थे!!!
युद्ध में हुआ नुक्लेअर वेपोनस का इस्तेमाल
अश्वस्थामा द्रोणाचार्य का पुत्र था। युद्ध में द्रोणाचार्य के केहर से पूरी पांडव सेना त्राहित हो उठी थी, तब श्री कृष्ण ने द्रोणाचार्य को मारने का उपाय पांडवो को दिखाया जिसमे युधिष्ठिर जिनकी ख्याति धर्म राजा के तौर पर फैली थी उनको जुठ बोलना था। युद्ध के बिच में जब द्रोणाचर्य पांडवो की सेना पर केहर बरसा रहे थे तब बीचमे ही युद्धिष्ठिर ने यह शब्द द्रोणाचार्य से कहे " अश्वस्थामा हतौ: , न रोवा कुंज रोवा"। यानि की अश्वस्थामा युद्ध में मारा गया है वह नर था या हाथी वह पता नहीं(कहा जाता है उस समय युधिष्ठिर ने अपने जीवन में पहली बार जूथ बोला था) यह सुनकर द्रोणाचार्य पूरीतरह से निराश हो गए और उनका गांडीव उनके हाथो से गिर गया तब श्री कृष्ण ने अर्जुन को बाण चला कर द्रोणाचार्य का वध करने को कहा। यह बात जब अश्वश्थामा को पता चली तो गुस्से से भरे अश्वश्थामा ने पांडव के सभी पुत्रो को सोइ हुई हालत में मार दिया(सभी पांडवो के 10 -10 पुत्र थे)। इस बात की भनक जब पांडवो को पड़ी तो अश्वश्थामा भागते हुए गुजरात की और गया जहा पर भीम ने उसका पीछा किया और गुजरत ओर मध्यप्रदेश के सिमा पर भीम और अश्वस्थामा के बिच घमासान युद्ध हुआ (भीम की गदा उस युद्ध में एक बार ज़मीन पर लगने से वहा पर बोहोत बड़ा गढ्ढा बन गया जो जगह आज अश्वस्थामा कुंड के नाम से प्रचलित है) जिसमे अपनी हार से डरके अश्वस्थामा ने पांडवो की और ब्रम्हास्त्र को छोड़ दिया यह देख कर श्री कृष्ण ने अश्वस्थामा को चेतावनी दी की अपना ब्रम्हास्त्र अश्वस्थामा वापस ले ले। पर ब्रम्हास्त्र को वापस लेने की विद्या अश्वस्थामा को नहीं अाति थी तो अश्वस्थामा ने वह अस्त्र(पुराने युद्ध के नियमो के अनुसार जो हाथ में रह कर युद्ध में उपयोगी हो वह शस्त्र जैसे की तलवार, जिससे फेक के वार करना होता है वह सस्त्र जैसे की बाण) को उत्तरा के गर्भ में पल रहे बालक की और मोड़ दिया जिससे वह बालक की मृत्यु हो गई। जिससे क्रोधित हो कर श्री कृष्णा ने अश्वस्थामा को श्राप दिया की जब तक धरती का विनास नहीं होगा तब तक अश्वस्थामा की मृत्यु नहीं होगी और उसके शरीर से हर वक्त खून की बदबू अाति रहेगी इसलिए मानव वस्ती में रहना भी उसके लिए ना मुमकिन हो जायेगा। अश्वस्थामा वह श्राप की वजह से आज भी जंगलो में भाटक रहे है ऐसा कई लोग मानते है। कुछ किस्से ऐसे भी है जिसमे लोगो ने खुद अश्वस्थामा को देखा है। मध्यप्रदेश के कही लोग ऐसे है जो अश्वस्थामा को अपनी आखो से देखने का दवा करते है!!!
हाल ही में हुई शोधानुसार ब्रिटेन में कार्यरत न्यूक्लियर मेडिसिन के फिजिशियन डॉ. मनीष पंडित ने महाभारत में वर्णित 150 खगोलीय घटनाओं के संदर्भ में कहा कि महाभारत का युद्ध 22 नवंबर 3067 ईसा पूर्व को हुआ था। उस वक्त भगवान कृष्ण 55-56 वर्ष के थे। इसके कुछ माह बाद ही महाभारत की रचना हुई मानी जाती है।दूसरी और कृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र में आज से बिलकुल 5130 वर्ष पूर्व हुआ था जो की ज्योतिष के अनुसार कृष्ण के बारे में एक मान्य अंक है। इस साल 2018 मे दुनिया कृष्ण का 5130 वा जन्म दिन मनाएगी। महाभारत के दौरान कृष्ण 55 -56 साल के रहे होंगे ऐसा एक ज्योतिषी अनुमान है तो इसी गणना को देखते हुए महाभारत का युद्ध इसा पूर्व 3057 की साल में हुआ होगा ऐसा लगता है।
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