इंसान ब्रम्हांड में अपनी आँखों से कितनी दूर तक देख सकता है?(Human's eyes and The Universe)
* इंसान की आखो को कोई चीज़ देखने के लिए चीज़ो के ऊपर प्रक्षेपित हो कर आँखों तक पोहोचति रोशनी पर निर्भर रहना पड़ता है | यानि की मूलतः इंसान की आंखे पूरी तरह से रोशनी के शन्दर्भ में परावलम्बी | अगर यह मुलभुत सिद्धांत का पालन हो तो बोहोत दूर के अंतर पे रखा |
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* पदार्थ भी इंसान की आंखे देख सकती है और वह भी आसानी से इंसान के ब्रम्हांड में दूर तक देखने की क्षमता का आधार कुछ गिने चुने परिबडो पर रहता है |
- जैसे की पदार्थ और आखो के बिच का अंतर अगर दुगुना हो जाये तो प्रक्षेपित हो कर आ रहे प्रकाश की मात्रा चौगुनी कम हो जाती है |
- पदार्थ को द्रस्यमान या फिर अदृस्यमान बनाने में पदार्थ की पृष्ठभूमि(Background) भी उतनी ही ज़िम्मेवार है |
- ब्रम्हांड में परावर्तित प्रकाश सेकड़ो दिशाओ में अस्तव्यस्त तौर पे गति मान होता है | इंसान की आँखों के लिए पृथ्वी की और दूधगंगा की सबसे करीबी साथी अकाशगंगा देवयानी(Andromeda) द्रश्यमान है जिसका अंतर दूधगंगा से 26,000 प्रकाशवर्ष है |
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Andromeda Galaxy |
FYI :-
आधी रात के 1 से 2 बजे के बिच में अगर आसमान बिलकुल साफ़ हो तो दूधगंगा(Milky way) को अच्छे तरीके से देखा जा सकता है | इंसान की आँखों से दूधगंगा पूरी तरह द्र्स्यमान है. दूधगंगा का व्यास पुरे फलक में 26 ,000 प्रकाशवर्ष है !!!
Image Courtesy : Google
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