विज्ञान
*ध्वनि तरंगों(Sound Wave) का विज्ञान
- वायुमंडल में जेसे ध्वनितरंगें आगे बढ़ती हैं, वे अपनी कुछ ऊर्जा को गर्मी के रूप में खो देती हैं। तरंग की गति जितनी अधिक होती है, उतनी अधिक ऊर्जा वह यात्रा के दोरान खो देती है, और फिर कुछ अंतर काटने के बाद काफी हद तक मंद हो जाती है ! दूसरी ओर, कम तीव्रता की तरंगे प्रमाण में कम ऊर्जा खोती है इसीलिए लम्बी यात्रा तय कर सकती है !
*क्षितिज की दूरी मापने की फॉर्मूला
- व्यक्ति की लम्बाई पर संख्या निर्भर है ! लम्बाई का जो फिगर हो उसे मीटर में कन्वर्ट करे ! फिर उस फिगर को 13 से गुणे उसका जो भी उत्तर आये उसका वर्गमूल निकाले इस तरह क्षितिज की दुरी किलोमीटर में पाई जाती है !
*ब्रह्माण्ड के चार मूलभूत परिबल ( Fundamental Forces Of Nature )
- समग्र ब्रह्मांड का संचालन चार मुलभुत परिबलो द्वारा किया जाता है ! विद्युतचुम्बकीय, गुरुत्वाकर्षण, स्ट्रोंगफोर्स और विकफोर्स ! विद्युतचुम्बकीय और गुरुत्वाकर्षण बड़े आयाम में कार्य करते है इसी वजह से बहुत प्रभावशाली हैं ! स्ट्रोंगफोर्स और विकफोर्स का कार्य केवल परमाणु के स्तर को प्रभावित करता है ! विकफोर्स रेडियम जेसे अनु के किरणोस्तर्ग को निकलने देते है ! स्ट्रॉंगफोर्स परमाणु की नाभि में प्रोटॉन-न्यूट्रॉन जकड़े रहते है।
*एरोडायनमिक्स ड्रैग (अवरोध) का समीकरण
- गति से ड्रैग का हमेशा वर्ग (स्क्वेर) में गुणा किया जाता है। यदि गति 5% बढ़ जाती है, तो ड्रैग 25% बढ़ जाती है। एरोडायनमिक्स ड्रैग से बचने के लिए, विमान 30000 फीट ऊंची पतली हवा में रहता है।
*डॉपलर इफेक्ट (Doppler Effect)क्या है?
- प्रकाश की किरण कई रंगों से बनी है ! प्रत्येक रंग में अलग-अलग तरंगलम्बाई होती हैं। जब प्रकाश का स्रोत निकट है, तो रंग की छोटी तरंगलम्बाई वाला नीला रंग पाया जाता है। जब स्रोत दूर निकल जाता है तो बड़ी तरंगलम्बाई का लाल रंग दिखाई देता है। इसी तरह, ऐसे परिवर्तन ध्वनि की भी तरंगों में बनते हैं जब ध्वनि का स्रोत एक तरफ से दूसरी तरफ खिसकता है ! विह्सल बजाती ट्रेन जब दूर जाती है तब ज्यादा तरंगलम्बाई वाला आवाज सुनाई देता है !जेसे ही ट्रेन नजदीक आती है आवाज की तरंगलम्बाई घटने लगती है और कंपनसंख्या बढ़ जाती है ! ट्रेन जेसे फिर दूर होने लगती है आवाज की तरंगलम्बाई फिर से बढ़ जाती है ! इस प्राकृतिक घटना को डोपलर इफेक्ट कहा जाता है।
- वायुमंडल में जेसे ध्वनितरंगें आगे बढ़ती हैं, वे अपनी कुछ ऊर्जा को गर्मी के रूप में खो देती हैं। तरंग की गति जितनी अधिक होती है, उतनी अधिक ऊर्जा वह यात्रा के दोरान खो देती है, और फिर कुछ अंतर काटने के बाद काफी हद तक मंद हो जाती है ! दूसरी ओर, कम तीव्रता की तरंगे प्रमाण में कम ऊर्जा खोती है इसीलिए लम्बी यात्रा तय कर सकती है !
*क्षितिज की दूरी मापने की फॉर्मूला
- व्यक्ति की लम्बाई पर संख्या निर्भर है ! लम्बाई का जो फिगर हो उसे मीटर में कन्वर्ट करे ! फिर उस फिगर को 13 से गुणे उसका जो भी उत्तर आये उसका वर्गमूल निकाले इस तरह क्षितिज की दुरी किलोमीटर में पाई जाती है !
*ब्रह्माण्ड के चार मूलभूत परिबल ( Fundamental Forces Of Nature )
- समग्र ब्रह्मांड का संचालन चार मुलभुत परिबलो द्वारा किया जाता है ! विद्युतचुम्बकीय, गुरुत्वाकर्षण, स्ट्रोंगफोर्स और विकफोर्स ! विद्युतचुम्बकीय और गुरुत्वाकर्षण बड़े आयाम में कार्य करते है इसी वजह से बहुत प्रभावशाली हैं ! स्ट्रोंगफोर्स और विकफोर्स का कार्य केवल परमाणु के स्तर को प्रभावित करता है ! विकफोर्स रेडियम जेसे अनु के किरणोस्तर्ग को निकलने देते है ! स्ट्रॉंगफोर्स परमाणु की नाभि में प्रोटॉन-न्यूट्रॉन जकड़े रहते है।
*एरोडायनमिक्स ड्रैग (अवरोध) का समीकरण
- गति से ड्रैग का हमेशा वर्ग (स्क्वेर) में गुणा किया जाता है। यदि गति 5% बढ़ जाती है, तो ड्रैग 25% बढ़ जाती है। एरोडायनमिक्स ड्रैग से बचने के लिए, विमान 30000 फीट ऊंची पतली हवा में रहता है।
*डॉपलर इफेक्ट (Doppler Effect)क्या है?
- प्रकाश की किरण कई रंगों से बनी है ! प्रत्येक रंग में अलग-अलग तरंगलम्बाई होती हैं। जब प्रकाश का स्रोत निकट है, तो रंग की छोटी तरंगलम्बाई वाला नीला रंग पाया जाता है। जब स्रोत दूर निकल जाता है तो बड़ी तरंगलम्बाई का लाल रंग दिखाई देता है। इसी तरह, ऐसे परिवर्तन ध्वनि की भी तरंगों में बनते हैं जब ध्वनि का स्रोत एक तरफ से दूसरी तरफ खिसकता है ! विह्सल बजाती ट्रेन जब दूर जाती है तब ज्यादा तरंगलम्बाई वाला आवाज सुनाई देता है !जेसे ही ट्रेन नजदीक आती है आवाज की तरंगलम्बाई घटने लगती है और कंपनसंख्या बढ़ जाती है ! ट्रेन जेसे फिर दूर होने लगती है आवाज की तरंगलम्बाई फिर से बढ़ जाती है ! इस प्राकृतिक घटना को डोपलर इफेक्ट कहा जाता है।
Post a Comment