बोया पैड़ बबूल का आम कहा से होय !!! World की top 50 University की लिस्ट में भारत की एक भी नहीं ।
बोया पैड़ बबूल का आम कहा से होय !!! वर्ल्ड की टॉप 50 यूनिवर्सिटी की लिस्ट में भारत की एक भी नहीं ।
Abraham Lincoln कहा करते थे "शिक्षा एक ऐसा क्षेत्र है जिससे इंसानो को सबसे ज़्यादा जुड़ा हुआ होना चाहिए" । लिंकन की यह बात हमारे Indian Education System पे पूरी तरह चोट देके जाती है। भारत में जो Education के नाम पर तमासा (जी हा में इसे तमसा ही कहूंगा) चल रहा है उसके बारे में यह कहना अतिसयोक्ति बिल कुल नहीं होगी की यह तो corruption की, selfishness की, बेईमानी की और parents की तरफ से नासमझी की हद हो चुकी है। यह सब देख कर कभी कभी यह ख्याल आता है की इस देश में "Education" किस चिड़िया का नाम है वही मूल रूप से न तो बच्चो के माँ बाप को पता है न खुद बच्चो को । और नेताओ की तो बात ही क्या करे दुनिया में भारत एक अकेला ऐसा देश होगा जहा के सिक्षण मत्री भी बिना डिग्री के अपना पद संभाल सकते है । शिक्षा पद्धति में अगर कोई बदलाव ला सकता है तो वह नेता खुद है क्यों की शिक्षा पद्धति का विरोद्ध करने वाले सभी मेघावी लोग समय की रेत में बह गए आज न तो उनलोगो कोई अता पता है न तो कोई नमो निसान। कहने का मतलब यह है की इस दुनिया में सिर्फ आपके पास Talent होने से कुछ नहीं होता, अपनी बात को मनवाने के लिए आपको पहले ऐसे पद पर होना पड़ता है जहा से आप अपनी नयी सोच और ideas पूरी दुनिया पर apply कर सके। वो कहते है न "Successful is Always Beautiful"।
12 ऑगस्ट 1919 में सभी अमीरीकी घरो में जैसे रूटीन में आता है उसी तरह से News Paper आया । लेकिन आज खबरे कुछ हरोज की तरह सामन्य नहीं लग रही थी । 11 अगस्त को Andrew Carnegie की मोत हुई थी वह खबर अगले दिन के अखबार में छपी थी । पुरे अमेरिका में तहलका मच गया क्यों की यह इंसान कोई आम इंसान नहीं था अमेरिका का सबसे धनिक इंसान Andrew Carnegie था। आम तौर पे कोई कितना भी धनिक आदमी इस दुनिया को अलविदा कह कर चला जाए तो भी सामान्य जनता को कोई फर्क नहीं पड़ता पर Andrew की बात कुछ और थी । Andrew का जन्म एक Book loving family में हुआ था इसी वजह से वह अमेरिका का धनिक इंसान भी बना और अमेरिका के लोगो के दिल का हमेसा के लिए मेहमान भी बना। Andrew Carnegie को बुध्दि मत्ता और असामान्य Business sense ने उसे अति मात्रा में धनिक इंसान बनाया । लेकिन उस धन को कहा और कैसे इस्तेमाल करना है वह भी उसे बखूबी आता था।
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Andrew Carnegie in his library |
अपने पुरे जीवन में कार्नेगी ने अमेरिका में 3000 से भी ज़्यादा लिब्ररिया बनवाई जिस वजह से तब के अमेरिकी बच्चो में पढ़ने लिखने की जो सूज बुज जागृत हुई वह कोई स्कूल भी न सीखा पाता। Andrew ने अपने जीवन काल में 230 million dollar (आज के ज़माने के हिसाब से 5.1 Billion Dollar ) सिर्फ Education के लिए दान कर दिए । उनका यह काम यही नहीं रुका उन्हों ने students के लिए Carnegie Institute of Technology Pittsburgh और Washington दोनों जगह पे बनवाई जो की आज भी World की बेस्ट universities में मान्यता प्राप्त किये हुए है। लाइब्रेरीया बंधवाने के पछे Carnegie का लक्ष्य साफ़ था । अगर बच्चो को वह जगह दिखाई जाये जहा वह अपनी समज विक्सित कर सके तो उसे फिर दुनिया में किसी भी चीस की ज़रूरत नहीं है । Carnegie को आज अमेरिका का Brain Builder माना जाता है । वह लोग जो बार-बार पूछते है की अमेरिका इतना आगे क्यों है? तो यह है वजह । कार्नेगी की यह कोसिस से पूरा अमेरिका Book Addictive हो गया । अमेरिका की सडको पे आज भी आप निकालो तो 10 में से कमसे कम 3-4 लोग तो आप को बुक पढ़ते दिख ही जायेंगे । और हा एक बात और यहाँ जो में सब जो ईतने अछ्छे से लिख पा रहा हु वह भी collage के समय library मे बीताए गए हररोज के 3 - 4 घंटो काा कमाल है ।
खेर अब आते है भारत पे, अब के दौर पे भारत का हाल यह हुआ पड़ा है की यहाँ पे 1 /3 बच्चे pubG के चक्कर में पड़े है 1 /3 बच्चे depression में पड़े है और बचे हुए 1 /3 मार्क्स के चक्कर में पड़े है । भारत आज भी वह 200 साल पुरानी education system लिए बैठा है जिसे बनाने वाले ब्रिटिश खुद अपनी Education System बदलकर world university ranking में top मार रहे है । विश्व के सभी देश China से ले कर Finland तक (Finland का education system पिछले कई सालो से दुनिया में प्रथम स्थान पर है क्यों की Finland अपने education system को हर साल बदल देता है ) सभी अपनी education system को बदल चुके है क्यों की वीसीआर के रिमोट से टीवी का चॅनेल चेंज नहीं होता वह बात यह सभी देश बखूबी जानते है ।
दरअसल समस्या भारत के नेताओ की नहीं है पर मुख्य समस्या भारत के माता पिताओ की है जो अपने बच्चो को रटा रटाया ज्ञान देने के लिए जैसे आतुर होते जा रहे है । बच्चा ज़रा सा भी तर्क करे तो बच्चे को पुरानी परंपरा का झांसा दे कर फुसलाया जाता है । स्कूल में भी बच्चो के टेड़े मेढ़े सवालों का जवाब देने के लिए टीचर्स के पास ज्ञान कम पड़ जाता है । बचो को यह नहीं कहा जाता की सवाल तुम्हारा है तो जवाब भी तुम धुंध कर लाओ और पाता चले तो मुझे भी बताओ । इसी के चलते बच्चो में रिसर्च वृत्ति है वह बचपन में ही दब जाती है । आज के समय में हमारे देश के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक जो कोई चीस है तो वह है हमारा India Education System जो बच्चो की मौलिकता छीन ने पर तुला है। दूसरी और IIT और IIM के चक्कर में कोटा ओर दिल्ही तो business hub बन चुके है ( कोटा के बारे में बनाई सीरीज "Kota Factory " जरूर देखे) । यही वजह है की फ़ोर्ब्स की 2018 की Top 50 universities of the world की लिस्ट में भारत की एक भी university नहीं है और होनी भी नहीं चाहिए क्यों की Indian Education System कचरे के आलावा और कुछ भी नहीं है । उदहारण के तौर पर एक Research के मुताबिक भारत के Engineering कॉलेज हर साल 10 लाख engineers पैदा करती है पर उनमे से job के लायक सिर्फ 60,000 ही होते है । जैसे बाबा रणछोड़ दास कहते है भारत के collages इंसानो को नहीं गधो को manufacture करते है ।
(पढ़े Forbs की Top 50 Universities की पूरी लिस्ट यह क्लिक करके )
FYI :
अमेरिका के Billionaire और Entrepreneur Elon Musk अपने हाल ही के एक Interview में कहा था की आज का Education System पूरी तरह से बच्चो की Creativity को बर्बाद कर रहा है उन्हों ने अपने वाकया में जोफडते कहा था की अगर कसी बच्चे को बर्बाद करना हो तो उसे School भेज दो । आप लोगो को जान कर हैरानी होगी की Elon mask इतने अमीर अपनी book पढ़ने की Hobby की वजह से हुए है ।Image courtesy : Google
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