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Kutniti ki duniya ke masterblaster Narendra Modi । कूटनीति की दुनिया के मास्टरब्लास्टर नरेन्द्र मोदी



                भूतपूर्व अमेरिकन President थिओडोर रूज़वेल्ट का एक कथन काफी दिलचस्प है " Speak softly and carry a big Stick, You will go Far" यह कथन अपने आप में कूटनीति की दुनिया में एक Milestone है। जिसका अर्थ है की शब्द भले ही नर्म हो लेकिन अगर कोई बत्तमीझी करे तो उसे लाठी से मारने में भी बुराई नहीं है। ठीक कृष्ण की तरह, कृष्ण जिस तरह से गोपियों के सामने बांसुरी भी बजाते है और शत्रु के सामने सुदर्शन निकालने में जरा भी नहीं हिचकिचाते। यानि की कृष्ण के एक हाथ में बांसुरी है तो दूसरे हाथ में सुदर्शन। शायद इसी वजह से कृष्ण अपने मार्ग में इतने महान बन पाए।

              Narendra Modi का जीवन भी कुछ इसी तरह से विकसित हुआ है। कूटनीति की दुनिया में उन्हों ने कुछ ऐसे बेहतरीन दाव खेले की पुरे विश्व के सामने भारत का जो प्रतिबिम्ब था वह पूरी तरह से बदल के रख दिया। चुनाव का माहौल है और दोनों पक्षो में आरोप प्रत्यारोप का दौर बड़ी गर्मी से चल रहा है। उनके बिच पिछली बार की तरह अब की बार भी मोदी सरकार के नारे लग रहे है उसमे कोई आश्चर्य नहीं है। इस पारदर्शिता के ज़माने में युवा वर्ग पूरी Research करके अपना उमीदवार पसंद करता है।

             इसके बिच दुनिया के सबसे प्रभावी नेताओ में 9वे स्थान पर आने वाले नेता Narendra Modi के पास से पुरे विश्व के लिए कई बाते ऐसी है जो सिखने लायक है। Make in India से लेकर स्वच्छ भारत अभियान तक एक के बाद एक Narendra Modi ने जो योजनाए समाज में प्रचारित की है वह मनोवैज्ञानिक तौर से तो कामियाब है ही लेकिन Practical तरीके से लोगो के दिमाग में अच्छी असर पैदा करने वाली है।

             चाहे चुनावी रैली हो या किसी नेता के गलत कहे गए शब्दों को अपनी खुश किस्मती में परिवर्तित करने का शाब्दिक हुनर, Modi सभी जगह पर इक्के साबित हुए है। चाणक्य ने एक बार कहा था की "अगर किसी नेता को चुनाव जितना है तो उसे अपने पडोशी मुल्क के साथ तनाव बढ़ा देना चाहिए " मोदी ठीक सही समय पर Air Strike का फैसला ले कर 2019 के चुनावो की पूरी बाज़ी ही पलट कर रख दी। पूरी जनता की नजर मोदी की देश भक्ति पर गई, और देश के असली मुद्दों से जनता का ध्यान भटक गया। यह भी एक कूटनीतिक दाव है जो निश्चित रूप से कभी Fail नहीं जायेगा।

           दूसरी ओर मोदी भारत के युवानो की सोच को पूरी तरह से समज चुके है। वह पूरी तरह से जानते है की आज के युवा को क्या चाहिए। उतने में स्वच्छ भारत का अभियान जितने लोक मानस पे असर कर चूका है उनमे से ज़्यादातर युवा है। युवा सोचते है ओर समजते है, वह जब Youtube के माध्यम पर या किसी तरीके से के दुशरे पश्चिमी देशो या एशियाई देशो का वैभव देखते है तो वह चौक जाते है। ओर उनके दिमाग में स्वाभाविक रूप से यह प्रश्न उठता है की अपना भारत 70 साल की आज़ादी के बाद भी गरीब देश क्यों बनके रह गया है।

           नोटबांधि भले ही Fail हो गई हो और GST को भले ही विरोधपक्ष ने बेबुनियाद और बेअसर कहे पर सचाई कुछ और ही है। नोटबांधि Fail होने के पीछे असली वजह भारत में अपनी जड़ जमा चुकी भ्रष्टाचारी सोच का कमाल है। दूसरी और GST का विरोध, विरोध पक्ष द्वारा बहुत हुआ लेकिन GST के दूरंदेशी परिणामो के बारे में किसीने नहीं सोचा, GST के लिए अभी भुगत नी पड़ रही तकलीफ खुद जनता के लिए कितनी काम की और असरदार है वह भारत की जनता को ही मालूम नहीं है।

           विदेशनीति में भी Narendra Modi  ने एक के बाद एक Master stroke लगाए है। जिसे दुनिया देख कर दंग रह गई। शुरुआत प्रधानमंत्री बनने के बाद मुसरफ के जन्मदिन पर सामने से मिलने जाने से हुई। Modi के उस कदम से पूरी दुनिया को यह सोचने पर मजबूर होना पड़ा की भारत वाकई में शांति चाहता है। Narendra Modi का वह कदम कुछ कुछ महाभारत में कृष्ण द्वारा धृतराष्ट की सभा में शांति संदेश लेकर जाने जैसा ही था। कृष्ण का भी तात्पर्य वही था की कल जाकर पांडवो को महाभारत के युद्ध का दोषी नहीं माना जाना चाहिए।


                प्रधानमंत्री मोदी और अजित डोवाल की जोड़ी ने पुरे विश्व में भारतीय कूटिनीति को प्रथम स्थान पर ला कर खड़ा कर दिया है। फिर चाहे वह रूस से संबंध अच्छे बनाने की बात हो या उसके दुश्मन अमेरिका के साथ अच्छे संबंध निभाने की बात हो। Gulf के देशो के साथ दोस्ती हो या फिर इजराइल के साथ मित्रता, सभी क्षेत्रो में भारत ने दुनिया को यह साबित करके दिखाया है की सभी देशो के साथ संबंध अच्छे किये जा सकते है। भले ही वह देश एक दूसरे के दुश्मन ही क्यों न हो। वह भी अपनी गरिमा को ठेस पहुंचाए बिना।

             मोदी को भारतीय राजनीती में आके सिर्फ 19 साल ही हुए है। यह 19 साल में उन्हों ने अपना इक्का भारतीय राजनीती में बड़ी अच्छी तरह जमा दिया है। क्या है मोदी की इस अद्भुत सफलता की वजह? इतने कम समय में (अडवाणी और दूसरे नेताओ के सदर्भ में) वह इतने लोकप्रिय ओर ताकतवर नेता कैसे बने?  उनकी Success के राज़ के तार उनके बचपन से भी जुड़े हुए है। बचपन से उनके आसपास रहनेवाले लोगो का केहना है की मोदी पहले से ही कुछ अलग किसम के इंसान थे। चुपचाप रहनेवाले और दुसरो से जरा भी प्रभावित न होने वाले, किताबो के दीवाने और भीतर से एक योगी आत्मा। यह सब सोख उन्हें बचपन से ही एक आम आदमी से अलग बनाते है।

           सिकंदर जब भारत आया तो उसे संत डायजोनिस के बारे में खबर मिली, उसने उसे खुद से मिलने के लिए अपने सैनिको को भिजवाया। सैनिको ने डायजोनिस से कहा की 'सिकंदर महान तुमसे मिलना चाहता है'।, डायजोनिस ने कहा की जो महान होते है वह खुद को महान नहीं कहलवाते। ठीक इसी तरह Narendra Modi ने अपने आप को एक आम इंसान की तरह Present करके 'चाय वाला', 'चौकिदार' जैसे विशेषण दे कर आम लोगो के दिल में एक अलग ही Image बनाकर दिखाई है। 'गरीबो के लिए सरकार', 'गरीबी हटाओ' ऐसे बहुत सालो तक नारे लगा लगा कर कांग्रेस के गले जहा पर सुख गए तब भी जनता उनके साथ दिल से नहीं जुड़ पाई वह काम मोदी ने सिर्फ 10 साल में कर दिखाया।

          अपने अद्भुत भाषणों से और सही मुद्दे के ऊपर सही समय पर वार करने के हुनर की वजह से उनके शब्दों की ताकत ने जनता पर जादू कर दिया। कांग्रेस के ऊपर बार बार यह आरोप लगते रहते है की वह अपनी रैलियों में पैसे दे कर भीड़ प्रदर्शित करती है। मोदी जहा जाते है जनता अपने आप उमड़ पड़ती है। उनके भाषण को Live सुनना जनता के लिए एक गर्व की बात होती जा रही है।

         लोकसभा के चुनाव बहोत नज़दीक है। उतने में एक छोटे से घर में 8 लोगो के परिवार में रहे Narendra Modi (उनके परिवार के पास आज भी कोई गाड़ी या ऐसोआराम की कोई चीज नहीं है, वह सभी लोकल वाहनों से ट्रेवल करते है) 2014 की तरह आज भी पक्के दावेदार है। हलाकि Narendra Modi के आलावा भाजपा के नेता भी कांग्रेस की तरह एक भ्रष्ट है। लेकिन भारत की जनता के पास बस दो ही चुनाव है। बुरा या कम बुरा

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